Monday, February 26, 2018

खतरे में लोकतंत्र

प्रिय बहुजन साथियों,
लोगों को अब लग रहा है कि लोकतंत्र खतरे में है लेकिन यही बात जब जस्टिस कर्णन कह रहे थे तब समझ में क्यों नहीं आया? देश का लोकतंत्र तो तभी खतरे में आ गया था जब पहेली बार आरएसएस-विहिप के नेतृत्व में बीजेपी ने रथयात्रा की शुरुआत की थी। देश का लोकतंत्र तो तभी खतरे में आ गया था जब आपने ब्राह्मणी व्यवस्था को कायम करने की जद्दोजहद करने वाली बीजेपी आदि को आपने वोट दिया था। देश का लोकतंत्र तो तभी खतरे में आ गया था जब पहेली बार ब्राह्मणी बीजेपी सत्ता में आयी थी। देश का लोकतंत्र तो तभी खतरे में आ गया था जब गुजरात नरसंहार का जिम्मेदार नरेंद्र मोदी देश का प्रधानमंत्री बना था। देश का लोकतंत्र तब-तब खतरे में रहेगा जब-जब आप ब्राह्मणी व्यवस्था को सत्तासीन करने के लिए आप वोट देगें। लेकिन धन्यवाद करों बाबा साहेब का, बाबा साहेब रचित भारतीय संविधान का, बुद्ध-अम्बेडकरी विचारधारा का, मूलनिवासी बहुजन आंदोलन का, मूलनिवासी बहुजन महानायक मान्यवर काशीराम साहेब का, मूलनिवासी बहुजन महानायिका बहन कुमारी मायावती जी का, लालू यादव का, मूलनिवासी बहुजन चिंतकों का, आज की युवा मूलनिवासी बहुजन पीढ़ी का जिन्होंने ने देश के लोकतंत्र को हर सम्भव खरते से महफूज़ रखा है।
रजनीकान्त इन्द्रा
इतिहास छात्र
इग्नू नई दिल्ली

जनवरी १३, २०१८

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