Saturday, April 9, 2011

भारतीय चयन आयोग : एक जरूरत

देश में भ्रष्टाचार ने भारतीय लोकतंत्र के तीनों अंगों को अपाहिज कर दिया है | यदि भ्रष्टाचार से लड़ना है तो सरकार को भारतीय चुनाव आयोग की तर्ज पर  भारतीय चयन आयोग ( Selection Commission of India ) का गठन करना होगा | भारतीय चयन आयोग , देश के संवैधानिक और संविधिक पदों के लिए उस पद के प्रमुख का चुनाव करेगा | भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ), भारतीय चुनाव आयुक्त , मुख्य प्रदेश चुनाव आयुक्त ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ), प्रदेश चुनाव आयुक्त , भारतीय महालेखा परीक्षक ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ) , इंडियन चीफ ऑफ़ आर्म स्टाफ  ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स - भारत में भी चीफ ऑफ़ आर्म स्टाफ की जरुरत है |   भारत की तीनो सेनाओ के चीफ्स में से जो भी सीनियर मोस्ट होगा वही इंडियन चीफ ऑफ़ आर्म स्टाफ होगा ), उप भारतीय महालेखा परीक्षक , सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ) , न्यायाधीश  ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ) , केन्द्रीय मुख्य सतर्कता आयुक्त ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ), सतर्कता आयुक्त , कैविनेट सचिव ,केन्द्रीय मंत्रालयों के सचिव ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ), निदेशक आई.बी , केंद्रीय सुरक्षा बलों के निदेशक , न्यायाधीश ,प्रदेश के गवर्नर , संघ लोक सेवा आयोग , लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ) और सदस्य , दूरदर्शन और प्रसार भारती के निदेशक ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ), वैज्ञानिक संस्थान के प्रमुखों , सेना के तीनो प्रमुखों का चुनाव  , आदि महत्वपूर्ण पदों के चयन की जिम्मेदारी भारतीय चयन आयोग की होगी |

भारतीय चयन आयोग की संरचना :

चेयरमैन - राज्य सभा  , अध्यक्ष ( चेयरमैन , भारतीय चयन आयोग )
 लोक सभा ( डिप्टी चेयरमैन , भारतीय चयन आयोग ) 

(1)  प्रधानमंत्री
 (2) नेता , विपक्ष ( लोकसभा)
(3) नेता , विपक्ष ( राज्यसभा )
(4) कैविनेट सचिव
(5) भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त
(6) अध्यक्ष , संघ लोक सेवा आयोग
(7) भारतीय महा लेखा परीक्षक
(8) केन्द्रीय मुख्य सतर्कता आयुक्त
(9) मुख्य  न्यायाधीश और दो जूनियर मोस्ट न्यायाधीश , सुप्रीम कोर्ट
(10) न्याय और विधि मंत्री 
(11) जन सेवा या शांति के क्षेत्र में भारतीय नोबल पुरुस्कार विजेता / मैग्सेसे अवार्ड विजेता / अन्य अंतरराष्ट्रीय  जन सेवा  अवार्ड विजेता 
(12) जन सेवा के क्षेत्र से जुड़े दो व्यक्ति ( चुनाव आयोग के सुझाव पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा नामित  )
(13) इंडियन चीफ ऑफ़ आर्म स्टाफ
(14)  वैज्ञानिक कम्युनिटी  ( डी.आर.डी.ओ. , बार्क , इसरों के चीफ्स में से जो सीनियर मोस्ट होगा वह भी भारतीय चयन आयोग का सदस्य होगा | )
(15) चेयरमैन , भारतीय प्रेस परिषद् 
(16) चेयरमैन , बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर - प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया 
(17 )  चेयरमैन , बोर्ड ऑफ़ प्रसार भारती 
(18) भारतीय मुख्य सूचना आयुक्त 
भारतीय चयन आयोग द्वारा चयनित व्यक्ति को महामहिम राष्ट्रपति महोदय अंतिम रूप से चयनित करके उसे पद के अनुसार शपथ दिलायेगें |
उपर्युक्त भारतीय चयन आयोग लोकतंत्र की भावना को समाहित किए हुए है | इस आयोग में सरकार के हर अंग के लोगों की भागीदारी है | भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त  , अध्यक्ष - संघ लोक सेवा आयोग , भारतीय महा लेखा परीक्षक , केन्द्रीय मुख्य सतर्कता जैसे अन्य महत्वपूर्ण पदों  का चुनाव आई ए एस अधिकारीयों में से होना चाहिए | आई.ए.एस. अधिकारीयों के दागी होने का मुख्य कारण भ्रष्ट नेता होते है | आई.ए.एस अधिकारीयों को यदि स्वतंत्रता मिलती है तो ये देश के विकास में भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त  की तरह सर्वश्रेष्ठ योगदान करेगें | जरूरत है आई.ए.एस को राजनितिक दबाव से  दूर करने की | आई.ए.एस अधिकारीयों को राजनितिक दबाव से मुक्त करने के लिए सरकार को Indian Civil Servise Board & State Civil Servise Board का गठन जो कि उनके स्थानांतरण और किसी पद पर नियुक्ति का जिम्मेदार होगा |  आई.ए.एस अधिकारीयों की बहुमुखी प्रतिभा देश के प्रमुख पदों के आवश्यक है | यदि भारतीय चुनाव आयोग के आयुक्त के रूप में आई.ए.एस अधिकारी देश में साफ-सुथरे चुनाव का कार्य करके आई.ए.एस. अधिकारीयों की विश्वसनीयता का उदहारण दिया है | यदि ये आई.ए.एस. चुनाव आयोग को नयी पहचान देते है तो  अध्यक्ष , संघ लोक सेवा आयोग , आयुक्त भारतीय महालेखा परीक्षक , केन्द्रीय मुख्य सतर्कता , जैसे अन्य महत्वपूर्ण पदों को भी नयी पहचान देगें लेकिन जरुरत है - इन पदों को पूर्ण स्वतंत्रता देने की |

यदि भारतीय चयन आयोग के सदस्यों ( भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त , अध्यक्ष - संघ लोक सेवा आयोग , भारतीय महा लेखा परीक्षक , केन्द्रीय मुख्य सतर्कता , मुख्य  न्यायाधीश - सुप्रीम कोर्ट ,  भारतीय मुख्य सूचना आयुक्त ,  चेयरमैन , बोर्ड ऑफ़ प्रसार भारती , चेयरमैन , भारतीय प्रेस परिषद् , चेयरमैन , बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर - प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया, जन सेवा या शांति के क्षेत्र में भारतीय नोबल पुरुस्कार विजेता / मैग्सेसे अवार्ड विजेता / अन्य अंतरराष्ट्रीय  जन सेवा  अवार्ड विजेता , जन सेवा के क्षेत्र से जुड़े दो व्यक्ति ( चुनाव आयोग के सुझाव पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा नामित  , इंडियन चीफ ऑफ़ आर्म स्टाफ , डी.आर.डी.ओ. , बार्क , इसरों के चीफ्स ) में से कोई दोषी पाया जाता है  ( लोकसभा अध्यक्ष , प्रधान मंत्री , नेता विपक्ष - राज्यसभा और लोकसभा , चेयरमैन - राज्य सभा के जाँच में दोषी पाए जाने पर इनको या तो संसद हटाएगी ( क्योकि ये जनता के प्रतिनिधि है ) या फिर ये नैतिक आधार पर त्यागपत्र देगें ) तो इनके खिलाफ जाँच   केन्द्रीय सतर्कता आयोग / केन्द्रीय जाँच ब्यूरो करेगा और अपनी रिपोर्ट को भारतीय चयन आयोग के अध्यक्ष को सौपेगा | सदस्य के दोषी पाए जाने पर , अध्यक्ष - भारतीय चयन आयोग की सलाह पर दोषी सदस्य खुद त्यागपत्र दे सकता है | यदि दोषी सदस्य त्यागपत्र नहीं देता है तो  इसके बाद की करवाही संसद करेगी और  महामहिम राष्ट्रपति  करवाही के अनुसार उसे तुरंत पद हटा देगें | जाँच के दौरान भारतीय चयन आयोग की रिपोर्ट अंतिम और सर्वमान्य होगी | यदि दोषी सदस्य या फिर संसद  रिपोर्ट से असहमत है तो संसद महामहिम से प्रार्थना कर सकती है कि भारतीय चयन आयोग रिपोर्ट को रिव्यू करे | इसके बाद राष्ट्रपति महोदय एक आदेश के द्वारा रिपोर्ट को रिव्यू करवाएगें | रिव्यू रिपोर्ट दुबारा रिव्यू नहीं  होगी | इसके बाद , दोषी सदस्य या फिर संसद चाहे सहमत हो या नहीं , भारतीय चयन आयोग के रिपोर्ट ( जो कि  केन्द्रीय सतर्कता आयोग / केन्द्रीय जाँच ब्यूरो   द्वारा भारतीय चयन आयोग को सौपी गयी है ) पर दोषी पाए गए व्यक्ति को हटाने के लिए संसद ( ये प्रक्रिया , भारतीय चयन आयोग में सदस्य जो कि संसद के सदस्य है और महामहिम उपराष्ट्रपति के अलावा सब पर लागू होगी ) और महामहिम राष्ट्रपति बाध्य होगें  |

इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट कि कोई भागीदारी नहीं होगी , न ही भारतीय चयन आयोग के रिपोर्ट को किसी कोर्ट का सुनाने का अधिकार होगा | क्योकि इस आयोग में  मुख्य  न्यायाधीश - सुप्रीम कोर्ट , और दो जूनियर मोस्ट न्यायाधीश शामिल है तो फिर किसी कोर्ट कि कोई जरूरत नहीं होगी | यदि चयन या जाँच में कोई डेड लाक होता है तो अध्यक्ष ,भारतीय चयन आयोग  का निर्णय अंतिम और बाध्य होगा | ये एक संवैधानिक , सरकार के हर अंग से स्वतंत्र और लोकतंत्र की मर्यादा के अनुसार पूर्णरूपेण स्वतंत्र होगा |

अन्य प्रकार के पदों की भ्रष्टाचार सम्बन्धी जाँच  केन्द्रीय सतर्कता आयोग / केन्द्रीय जाँच ब्यूरो करेगा |  केन्द्रीय सतर्कता आयोग / केन्द्रीय जाँच ब्यूरो  की रिपोर्ट पर सम्बंधित अथॉर्टी या सरकार भ्रष्ट पदाधिकारी को तत्काल से  हटाएगी | 

भारतीय चयन आयोग की सारी कारवाही पारदर्शी होगी | भारतीय सूचना आयोग के पास कोई भी सूचना मागने का पूरा अधिकार होगा | भारतीय चयन आयोग , हर तरह से स्वतंत्र होगा  | पारदर्शिता को बनाये रखने के लिए यह आयोग , भारतीय सूचना आयोग के अधिकार क्षेत्र में होगा |

किसी भी पद के चयन के लिए ५/६ भारतीय चयन आयोग के सदस्यों का सहमत होना आवश्यक होगा |

यदि सरकार भारतीय चयन आयोग का गठन करती है तो देश में एक साफ सुथरा वातावरण तैयार करना आसान होगा | ये आयोग भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त , भारतीय चुनाव आयुक्त , मुख्य प्रदेश चुनाव आयुक्त , प्रदेश चुनाव आयुक्त , भारतीय महालेखा परीक्षक , उप भारतीय महालेखा परीक्षक , सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश , केन्द्रीय सतर्कता आयोग / केन्द्रीय जाँच ब्यूरो  , केन्द्रीय मुख्य सतर्कता आयुक्त , सतर्कता आयुक्त , कैविनेट सचिव ,केन्द्रीय मंत्रालयों के सचिव , निदेशक आई.बी , केंद्रीय सुरक्षा बलों के निदेशक , न्यायाधीश ,प्रदेश के गवर्नर , संघ लोक सेवा आयोग , लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य , दूरदर्शन और प्रसार भारती के निदेशक , इंडियन चीफ ऑफ़ आर्म स्टाफ  , वैज्ञानिक कम्युनिटी  , सेना के तीनो प्रमुखों का चुनाव  और अन्य महत्वपूर्ण पदों की नियुक्ति के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगी तो भ्रष्टाचार अपने आप ही ख़त्म हो जायेगा |

Thursday, April 7, 2011

Facts of Life : Rajani Kant Indra


ईश्वर की पूजा करने बजाय कर्म करो |
धर्म और कर्म क्षेत्र में हर इंसान अकेला होता है |
दुनिया में कुछ सिखाना चाहते हो तो धर्म - निरपेक्ष बनो |
यदि जीवन - युद्ध जीतना चाहते हो तो बुरे कर्मों करने से बचो |
आपका कर्म ही आपकी सबसे बड़ी शक्ति और आपका ईश्वर है |
ईश्वर सिर्फ एक जज है जो आपके कर्मो का समुचित फल देता है |
ईश्वर आप पर दया तभी करेगा जब आपका कर्म दया लायक होगा |
यदि आपका कर्म अच्छा है तो ईश्वर भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है |
इस दुनिया में कोई किसी की मदद नहीं करता है , इन्सान को अपनी मदद खुद करनी पड़ती है |
यदि जीवन का धर्म - युद्ध जीतना चाहते हो तो  सत्य , प्रेम , विश्वास , न्याय और स्वाभिमान के रास्ते पर चलो |
  




Friday, January 28, 2011

Indian Culture : A Brief Introduction

India as a Nation-State is possessed with multiple racial , ethnic  diversity . Historically, Hindu culture is dominating over several centuries . Indian Hindu Culture can be defined as a Way of Life .

The Hindu Culture as Way of Life can be looked at three levels . (1) Past (2)Present(3)Future . These three levels fundamentally as The Culture of Karma , The Culture of Dharma , The Culture of Moksha .

The Hindu way of life also emphasis  the importance of Ashrams . Ashram means Duty & Stages of life . Every Stage of life has different types of Duties . Every individual have supposed to follow these Duties which present right Karma .

Hindu way of Life has been approved by the religion and practices . Hindu way of Life emphasised on Spirituality . The Hindu Social System , Historically , provided Caste System which is being dominant over several centuries .

Caste System is a part of Cultural System which is well approved by Hindu Religion . Caste System is defined by Birth . It was traced , originally , clash between Aryan & Dravidian's . Aryans were , fair in color , discriminated Dravidian's . Aryans brought Social Discrimination , Cultural Discrimination , Religion Discrimination , Geographic Discrimination , Economic Discrimination under the Varna Model . Each Hindu individual was provided with scripture and quality based on Birth . These scripture quality bring  Inequality which was responsible to bring  the Caste Discrimination . Thus, Hindu Culture  did promoted Inequality among society .

In India , during Bhakti Movement , there are no. of religious , social movement which looted the Hinduism namely Buddhism , Jainism , Sikhism etc.

The religion of Jainism is very much limited in urban , mercantile society . It was not well spread all over the India . Similarly  , Sikhism is very much limited to Punjab & Haryana . It was not well spread all over the India & partly Sikhism , Jainism are practiced due to Hindu Culture.

The Religion of Buddhism strongly opposed the Religion of Hinduism . The Buddhism on field level has very much influence to global masses . Therefore , Large no. of lower caste Hindus converted in Buddhism because it never preached Caste System .

The impact of Islam on Hindu have not brought much influence .Even though , Hinduism has been strongly practiced . Historically , India was well influenced by Hinduism and partly by Christianity .

India witnessed the arrival of Dutch , Portuguese , French etc . They have not brought much impact as British . British es have brought Religion of Christianity . It presented by giving importance to Social Welfare . yet , Christianity reflects Hindu Castism

The impact of British had affected at social , economic , cultural , judicial , administrative , democratic infrastructure , education .

The Impact of British Administration had been responsible for bringing Culture of Modernity ,
Modernity , fundamentally , promoted cultural responsibility and fragmented thinking with rationality . The impact of British has brought Transformation in Agriculture , Industry , Education , Administration and Judicial System etc . Impact of British has brought over all development . India , today, witnesses Traditionally and Modernity  with continuum . India’s Traditional – Modern is a new cultural transformation that we face in 21st century .

India’s uniqueness can be emphasised with multiple ethnicity , racial diversity , regionalism , linguistic diversity  formation .

Diversity may bring no. of social problem , cultural problem . India has been witnessed ethnic conflicts , racial conflicts , linguistic conflicts , religious conflicts , regional conflicts and cultural conflicts . India’s cultural Heritage is promoted traditionally which has transformed by modernity .

Increasing ethnic conflicts , racial conflicts , linguistic conflicts , religious conflicts , regional conflicts and cultural conflicts , traditional culture can be linked with Diversity and Under Development .

India is possessed with multiple tribal community . They are ethnically , racially , geographically , linguistically different . Therefore , it is not possible to define the Tribal in a single definition . Tribal was segregated ethnically , racially , geographically , socially , economically , linguistically etc . Therefore , different problems are found in India . However , Tribal Policy address the diversity .

Historically , we have two major policy as Policy during British Government  & Policy of Indian Government .

The British Administration had suggested Tribal Segregation policy . They also called National Park under which they are geographically separated . National park brought isolation among trebles . National Park Policy mad create isolation among the tribes and non-tribes .

Govt. of India had apposed the British policy and bring the assimilation and integration policy . Constitutionally , today , we are practicing policy of Integration . The Policy of Integration never enforced constitutionally or legitimately . The Policy of Integration emphasises on consensus .

However, Indian Tribes are under going no. of social , cultural problems namely land alienation , ill health , illiteracy  and so on .

Geographically , it is important to define and discuss their problem , land alienation in context of development .


The Name of Development , we face tribal crises . For Tribes land is not an economic asset but for them land is a cultural , geographic resource and ecology as economy . Therefore Tribes can not be displaced . Such displacement may create problem of Tribal conflict . The name of building dam , name of industrialization , corporatization , the public-private sector have displace them . These displacement may promote tribal conflict . It also promote tribal unrest . These types of insurgency lead to problem of Internal Security of India .
Rajani Kant Indra
Faculty of Law
Lucknow University, Lucknow
January 28, 2011

Sunday, January 23, 2011

Quotation by Rajani Kant Indra


पढ़ना ही है तो प्रेम को पढों |
जीना है तो हर पल को  जियो |
मारना ही है तो ईर्ष्या को मारो |
जीतना ही है तो क्रोध को जीतो |
देखना ही है तो प्रकृति को देखो |
सीखना ही है तो प्रकृति से सीखों |
पूजना है तो माता-पिता को पूजो |
चलना ही है तो  प्रेम पथ पर चलों |
सुनना ही है तो अपने आपको सुनो |
जानना ही है तो अपने आप को जानो |
बुराइयाँ खोजनी है तो अपने आप में खोजो |

Quotation of Rajani Kant Indra


यदि जीवन में कुछ देना चाहते हो तो दान दो |

यदि जीवन में कुछ करना ही चाहते हो तो प्रेम करो |

यदि जीवन में कुछ जीतना ही चाहते हो तो दिल जीतो |

यदि तुम अच्छे हो तो तुम्हारे साथ , सदा अच्छा ही होगा |

यदि जीवन में किसी से लड़ना चाहते हो तो अपने क्रोध से लड़ों |

यदि जीवन में कुछ बनाना ही चाहते हो तो एक अच्छा इन्सान बनों |

यदि जीवन में कुछ लेना चाहते हो तो सही समय पर सही निर्णय लो |

यदि सत्य , प्रेम , विश्वास , न्याय और स्वाभिमान के लिए सब खोना पड़े तो खो दीजिये |
यदि तुमने किसी को नुकसान नहीं पहुचाया है तो तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुचा सकता है |

यदि जीवन में किसी मार्ग पर चलना ही चाहते हो तो सत्य , प्रेम , विश्वास , न्याय और स्वाभिमान के मार्ग पर चलों |


Quotations Regarding Life by Rajani Kant Indra


विश्वास ही ईश्वर है |
प्रेम ही ईश्वन पूजा है |
प्रेम ईश्वर कि शक्ति है |
डर के आगे ही जीत है |
प्रेम सिर्फ देने के लिए होता है |
प्रेम हर समस्या का समाधान है |
सफलता को हर पल महसूस करो |
विश्वास रखो जीत , तुम्हारी ही होगी |
मानव जीवन का एक मात्र लक्ष्य प्रेम है |
प्रेम सदा निस्वार्थ और निष्काम होता है |
अधिकार सिर्फ और सिर्फ लेने के होता है |
प्रेम संसार का सबसे शक्तिशाली हथियार है |
ज्ञान सिर्फ और सिर्फ बाटने के लिए होता है |
जमीन ना जीतो , जीतना ही है , तो दिल जीतों |
प्रेम का पूर्ण साक्षात्कार करने के लिए वफादार बनों |
प्रेम का दामन ही मानव जीवन  का एक मात्र सहारा है |
प्रेम का अध्ययन और प्रसार ही जीवन एक मात्र लक्ष्य है |
प्रेम ही एक मात्र धागा है जिसने सारे संसार को बाँध रखा है |
अपने आप पर विश्वास ही जीवन कि सफलता का एक मात्र मार्ग है |
सत्य , प्रेम , विश्वास , न्याय और स्वाभिमान ही जीत का एक मात्र रास्ता है |


सही समय पर सही निर्णय ही जीवन है


मानव का सबसे बड़ा शत्रु उसका डर | इस डर की वजह से मानव निर्णय लेने में समय लगता है| इस समय के नुकसान की भरपाई तो नहीं की जा सकती है | निर्णय में देरी का मतलब - समय का नुक्सान और दिमाग की चिंता को बढावा देना है| चिंता चिता से भी कतारनाक होती है| चिंता ग्रस्त दिमाग कभी भी अपनी क्षमता का भरपूर उपयोग नहीं कर सकता है| 
मानव को हर पल कोई ना कोई निर्णय लेना ही होता है | यहाँ तक की आज हमें क्या खाना है , कब सोना है , क्या पहनना है , क्या करना है , किससे मिलाना है , क्यों मिलाना है , कहाँ और क्यों जाना है , भविष्य में क्या करना है , अभी क्या करना है ? इस तरह के सवालों का सामना रोज होता है | इन सवालों का उत्तर ही निर्णय है | ये सवाल तो रोजमर्रा की जिंदगी के है | परन्तु कुछ निर्णय और भी होते है जैसे कि दाखिला किस कालेज में लेना है , क्या पढ़ना है , कौन सी  अनुकारी करनी है ,दोस्ती किससे होनी चाहिए , दोस्ती का मतलब क्या होता है , शादी किससे करनी है , कौन हमारे और हमारे प्रेम के लिए बेहतर है | ये  बुत ही महत्वपूर्ण होते है जो कि हमारा जीवन तय करते है | इन सवालों का जब लोग बहुत दिनों तक सोचने के बाद लेते है | फिर भी उनका निर्णय गलत हो जाता है | इसका कारण उनके मन का डर , वैज्ञानिक और विश्लेषण युक्त सोच का आभाव है | इससे निर्णय लेने में देरी तो होती ही है , साथ में समय का भी बहुत निकसान होता है | इस लिए मानव को अपनी सोच सही और तर्क संगत रखनी चाहिए | मन में डर नहीं होना चाहिए |
 निर्णय में देरी का मतलब - अपने आप पार विश्वास का ना होना , वैज्ञानिक दृष्टिकोण का आभाव और  डर है | मानव को सबसे पहेली अपनी सोच को वैज्ञानिक और विश्लेषण युक्त बनाना चाहिए | मन में भरे डर को दूर करना चाहिए जो कि सही सोच से ही संभव है | यदि आपकी सोच सही और आप डर से मिक्त होगें तो आपका अपने ऊपर विश्वास बढेगा | ये विश्वास ही आपके निर्णय लेने कि क्षमता को बढ़ाएगा |
मानव को अपनी सोच ओ वैज्ञानिक और विश्लेषण युक्त बनानें के लिए मानवधिकारो को ध्यान में रखते हुए , समाजिक क्रिया-कलापों का अध्ययन करना चाहिए | क्योकि समाज में बहुत सारी बुराइयाँ है जो कि तर्क संगत भी लगाती है परन्तु पूरी तरह से असंगत और मानवाधिकारों कि कव्र पार बनी होती है | मानव की इस तरह ही बुराइयों से बचाते हुए , समाज का समुचित अध्ययन कारण चाहिए | मानव जीवन में शक्षा का सही स्रोत हमारी प्रकृति है | यदि मानव प्रकृति के नियमों को समझते हुए समाज का अध्ययन करे तो उसका विचार पूरी तरह से वैज्ञानिक ही होगा | क्योकि प्रकृति में कोई भी चीज बेकार की नहीं है | हर किसी का कोई ना कोई महत्त्व  है | मानव को जरोरत है इन सभी के कार्यों और इनकी उपयोगिता को पहचनाने की | अतः मानव को सिर्फ और सिर्फ प्रकृति से ही शिक्षा लेनी चाहिए| प्रकृति ही हमारा गुरु है|
 यदि मानव प्रकृति के नियमों को समझ जाए , तो उसके मन का डर अपने आप ही दूर हो जायेगा| इस डर क्र दूर होने का मतलब है - सही समय पार सही निर्णय का आना| सही समय पार सहीं निर्णय ही मानव उन्नति का एक मात्र मार्ग है|
रजनीकान्त इन्द्रा 
इन्जिनीरिंग छात्र, एन.आई.टी-ए 
(जनवरी २३, २०११)