Monday, August 5, 2019

बसपा द्वारा संसद में अनुच्छेद ३७० को हटाने के पक्ष में वोट करने के मायने


बहुत सारे लोग बसपा द्वारा संसद में अनुच्छेद ३७० को हटाने के संदर्भ में वोट करने के लिए कोस रहें हैं, कुछ लोगों का कहना हैं कि बसपा का भाजपा में विलय हो जाना चाहिए, कुछ लोगों का कहना हैं कि बहन जी डर गयी हैं, कुछ लोगों का कहना हैं कि बहन जी अपने भाई को बचाने के लिए बीजेपी का साथ दे रहीं हैं। ये सारी की साड़ी भ्रांतियाँ मात्र हैं जो बहुजन समाज के रजिस्टर्ड संगठनों, आर्मियों/सेनाओं/फौजों द्वारा फैलाई जा रहीं हैं। क्योंकि ये सभी रजिस्टर्ड संगठन, आर्मियां, सेनाएं और फौजे शत्रु विचारधारा द्वारा फण्डित और प्रायोजित हैं जिनका मकसद ब्राह्मणी विचारधारा को मजबूत करना और बहुजन राजनीति व बहुजन सामाजिक परिवर्तन के आन्दोलन को कुन्द करना मात्र हैं।

हमारा मानना हैं कि बहुजन समाज पार्टी ने अनुच्छेद ३७० को हटाने के पक्ष में वोट किया हैं तो इसका कतई मतलब नहीं हैं कि बसपा अपने शत्रु विधारधारा का समर्थन करती हैं। ये देश से जुड़ा मुद्दा था, तीन दशक से ज्यादा समय से ये समस्या चली आ रहीं हैं। फ़िलहाल तमाम सहूलियतों के बाद भी कश्मीर घाटी में वांछित सुधार नहीं हो पाया हैं। इसलिए इस कदम से उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में कश्मीर घाटी में सब कुछ बेहतर होगा। यदि बेहतर नहीं हो पाया तो समय की माँग के अनुसार नए हल तलाशे जायेगें।

भारत के पितामह बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर जी भी निजी तौर पर अनुच्छेद ३७० के पक्ष में नहीं थे। इसलिए बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर के नक़्शे-ए-कदम पर चलने वाली बसपा के समर्थन का मतलब केवल बाबा साहेब के मत को संसद में सहमति देना मात्र हैं, जबकि बीजेपी का मकसद अपने भक्तों को संतुष्ट कर उनकों नफ़रत-ए-जाल में फसायें रखना हैं। बीजेपी का ये निर्णय हाल में ही महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव के सन्दर्भ में लिया गया एक पूर्णतः वोट हथियाने का हथियार हैं। ये फैसला बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, ध्वस्त अर्थव्यवस्था, रेप-हत्या, मॉब लिंचिंग और नरसंहार जैसी घटनों से देश का ध्यान भटकने के लिए भी हैं। जिस तरह से पुलवामा अटैक में सभी राष्ट्रहित के मुद्दे  ब्रामणी बीजेपी दुबारा सत्तासीन हो गयी ठीक उसी तरह से महाराष्ट्र चुनाव को जीतने के लिए बीजेपी ये गेम सफलतापूर्वक खेला हैं। आप इसे पुलवामा-२ कह सकते हैं।

यहाँ मुद्दा एक (अनुच्छेद ३७०) जरूर हैं लेकिन बसपा और भाजपा के मकसद और मायने पूर्णतः भिन्न हैं। भाजपा का मकसद हिन्दू-मुस्लिम के बीच की खाई को गहराना हैं तो बसपा का मकसद बाबा साहेब के मत को देशहित में लागू करवाना हैं।

 वैसे अलग-अलग न्यायालयी निर्णयों और सरकार के प्रावधानों से अनुच्छेद ३७० को कांग्रेस ने ही लगभग निष्प्रभावी बना दिया, और रहा-सहा खोखला ढाँचा बीजेपी ने आज (०५ अगस्त २०१९) तोड़ दिया, जिसे बीजेपी वाले साहसिक कदम बयान कर रहें हैं। हालाँकि हम बीजेपी और इसके समर्थक भक्तों से ये जानना चाहेगें कि अनुच्छेद 370 ही क्यूँ, 370 A, 371 G आदि क्यूँ नहीं, जबकि पूर्वोत्तर राज्यों में सैनिकों और आम जनमानव के हताहत होने की घटनाएँ कश्मीर घाटी से कहीं ज्यादा हैं?
---------------------------------------रजनीकान्त इन्द्रा------------------------------------------------



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