Sunday, July 19, 2020

सचेत रहे बहुजन समाज !

बहुजन समाज में जन्मे चमचे और बहुजन आंदोलन, बहुजन वैचारिकी व उद्देश्य से दूर नासमझ व उन्मादी प्रवृति के बहुजन युवा बसपा और बहन जी पर निराधार आरोप लगातार लगाते रहते हैं कि बसपा इस या उस दल की एजेंट है, प्रवक्ता है। जबकि बहन जी स्पष्ट कर चुकी है कि "बीएसपी सही मायने में परमपूज्य बाबासाहेब आंबेडकर के मूवमेंट की प्रवक्ता है। बीएसपी मान्यवर श्री कांशीराम के त्याग और तपस्या की प्रवक्ता है।"  
यदि इसके बावजूद भी बहन जी और बसपा पर इस तरह के निराधार आरोप लगाए जाते हैं तो भी इसमें कोई नई बात नहीं है। क्योंकि जब बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर और मान्यवर कांशीराम साहब भी बहुजन समाज को दिशा निर्देशित करते हुए कदम दर कदम आगे बढ़ रहे थे, तब भी बाबा साहब अंबेडकर और मान्यवर कांशीराम साहब जैसे बहुजन महानायकों पर इस तरह के आरोप लगाए गए थे। इन महानायकों पर आरोप लगाने वाले कोई और नहीं, वहीँ चमचे थे जिनके वैचारिक वंशज आज बहन जी व बसपा पर लगातार निराधार आरोप लगाकर बहन और बसपा को बदनाम करते हुए बहुजन आन्दोलन की राह में अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं।
याद रहे, इन्हीं जैसे लोगों या यूं कहें कि इनके पुरखों ने भी बाबा साहब को अंग्रेजों का एजेंट बताया था, हिन्दू धर्म का नाशक बताया था। और इनके पूर्वजों ने ही मान्यवर कांशीराम साहब पर विदेशी फण्ड लेने का आरोप लगाकर उनकों विदेशी एजेंट करार दिया था। इसके पहले इनके पुरखे और आज ये चमचे ब्राह्मणी दलों में ख़ुशीपूर्वक दरी बिछाने में गौरव महसूस कर रहे हैं। ऐसे में यदि आज ये दरी बिछाने वाले लोगों द्वारा बहन जी पर भी किसी भी तरह का निराधार आरोप लगाया जा रहा हैं तो इसमें कोई नई बात नहीं है। बहुजन समाज के शिक्षित व जागरूक लोगों को बहुजन समाज में जन्मे ऐसे चमचों से ना तो डरने की जरूरत है, और ना ही इसकी फिक्र करने की कोई जरूरत है। क्योंकि मान्यवर कांशीराम साहब कहा करते थे कि "हमें अपनी उर्जा किसी दूसरे की लाइन को मिटाने में नहीं, बल्कि अपनी लाइन को बड़ी करने में खर्च करनी चाहिए।"
ऐसे में बहुजन आन्दोलन, बहुजन समाज, संविधान और लोकतंत्र को लेकर चिंतित व सचेत बहुजन समाज के लोगों का फर्ज बनता है कि वे बहुजन समाज में जन्मे चमचों व ब्राह्मणी दलों में बिछाने वाले लोगों की परवाह किये बगैर पूरे हिम्मत और हौसले के साथ भारत महानायिका बहन कुमारी मायावती जी के नेतृत्व में सामाजिक परिवर्तन के बहुजन आंदोलन में अपना विश्वास बनाए रखते हुए, अपना यथासंभव सहयोग करते हुए बहन कुमारी मायावती जी के नेतृत्व में अपनी सरकार स्थापित कर भारत में समतामूलक समाज के सृजन व सम्राट अशोक के भारत की तरफ कदम दर कदम अग्रसर होते चले। इसी में भारत व हम भारत के लोगों की संपूर्ण मुक्ति है।
याद रहें, जिनके पुरखे बाबा साहेब के नाम की दुहाई देकर मान्यवर साहेब को कोसते थे, वे ही आज मान्यवर साहेब के नाम की दुहाई देकर बहन जी को कोस रहें हैं। आने समय इनकी औलादें बहन जी का नाम लेकर अगले सच्चे बहुजन नेतृत्व को कोसेगीं।
रजनीकान्त इन्द्रा
इतिहास छात्र, इग्नू - नई दिल्ली
१९.०७. २०२०

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