Wednesday, May 5, 2021

बसपा का समर्थन क्यों?

कोई पार्टी खुद सत्ता में नहीं आती है, जिनको उसकी वैचारिकी, नेतृत्व और शासन में विश्वास होता है वे खुद उसके लिए काम करते हैं, और अपने शासन से अपनी व समाज की सुरक्षा तय करते हैं।

हमें लगता है कि बसपा शासन देश हित में ज़रूरी है। इसलिए हम चाहते हैं कि बसपा सत्ता में आये। हम बसपा के लिए सोचते हैं क्योंकि हमें विश्वास है संविधान सम्मत लोकतांत्रिक शासन बसपा ही दे सकती हैं। हम बसपा के लिए लिखते हैं क्योंकि हमें पूर्ण विश्वास है कि हमारी सुरक्षा और भारत की रक्षा बसपा ही कर सकती है। हम जानते हैं कि बसपा ही बुद्ध रैदास कबीर फुले शाहूजी अम्बेडकर पेरियार और काशीराम के सपनों का भारत बना सकती है। बसपा ही रैदास का बेगमपुरा बसा सकती हैं। बसपा ही अशोक का भारत बना सकती हैं। बसपा ही भारत में सामाजिक परिवर्तन कर सकती हैं। बसपा ही सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक लोकतन्त्र स्थापित कर सकती हैं। बसपा ही समतामूलक समाज का निर्माण कर सकती हैं। इसलिए हम बसपा के साथ है।

रहीं बात विरोध करने की तो जिनके पुरखें बाबा साहब का विरोध करते हुए गांधी के चरणों में नतमस्तक थे, उनकी औलादों ने मान्यवर साहब को सीआईए का एजेंट बता कर विरोध किया था। और, उनकी ही आज वाली नस्लें बाबासाहेब और मान्यवर साहेब का नाम लेकर बहन जी का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में चमचों की बातों को अहमियत मत दीजिए क्योंकि चमचे अपनी कुंठा निकालने को आलोचना कह कर जस्टीफाई करते हैं जबकि आलोचना की भाषा और निज कुंठा वाली विरोधी भाषा में बहुत अंतर होता है। 

मान्यवर कांशीराम साहब कहते हैं कि पूना पैक्ट के बाद से ही चमचे पैदा होने शुरू हो गए थे। ऐसे में, जब कोई सच्चा नेतृत्व और दल देश के पिछड़े वर्ग, वंचित और आदिवासी जगत के लिए सामने आएगा तो चमचे अपनी स्वार्थ के चलते बदनाम करेगें, और लोगों को गुमराह करेगें (जैसे कि बसपा के संदर्भ में हो रहा हैं)। बसपा का कद जैसे-जैसे बढ़ता जाएगा वैसे-वैसे ही बहुजन समाज में जन्मे चमचों द्वारा बसपा का विरोध होगा, और बसपा विरोधी दलों में इन चमचों की अहमियत भी बढ़ेगी।

याद रहे, चमचे तब भी थे, आज भी है, आगे भी रहेंगे। 1970 और 1980 के दशक में चमचे ही कहा करते थे कि "होऊ सकत नाही" परंतु आप जैसे निस्वार्थ व समर्पित बहुजन आंदोलन के सिपाहियों के चलते ही चमचों को मुंह की खानी पड़ी, और आप सब ने यह साबित कर दिया कि "होऊ सकत है"। आज यही चमचे बामसेफ आदि को रजिस्टर्ड करवाकर बसपा को बदनाम कर रहे हैं।  इन चमचों का कद ही बसपा के विरोध से बना हुआ है। इसलिए बहुजन समाज के हितैषी लोगों को मालूम होना चाहिए कि मान्यवर व बहनजी की सरकार चमचों की बदौलत नहीं, बल्कि आप जैसे मिशन को जानने-समझने वाले निस्वार्थी लोगों की वजह से बनी थी।

इसलिए अपना समय और ऊर्जा चमचों को जवाब देने में व्यर्थ करने के बजाए अपने मिशन, अपने मुद्दे, अपने नेतृत्व, अपनी पार्टी और अपनी विचारधारा को बार-बार विमर्श के केंद्र में रखते हुए जन-जन तक पहुंचाने में लगाना चाहिए। याद रहें, अपनी वैचारिकी, नेतृत्व व पार्टी पर विश्वास करके ही सत्ता तक पहुंच सकते हैं, जबरन विरोध से नहीं। 

रजनीकान्त इन्द्रा

No comments:

Post a Comment