Saturday, May 29, 2021

खुद की अस्मिता को चुनौती देते गुमराह बहुजन युवा

बहुजन समाज के कुछ गुमराह युवा आज अपने ही राजनैतिक पहचान पर सवाल खड़ा कर रहे हैं जो कि बहुजन समाज के लिए हानिकारक है।

बहुजन समाज के स्वघोषित बुद्धिजीवी अक्सर यह प्रश्न खड़ा करते रहते हैं कि मान्यवर कांशी राम साहब के जमाने में हमारे अलग-अलग पत्र पत्रिकाएं थे, परंतु अब हमारे पास, जब कि हमारा समाज पहले से अधिक मजबूत हुआ है, अपना कोई मीडिया नहीं है।

बहुजन युवाओं के जहन में आने वाला यह सवाल अपने आप में खुद अपनी अस्मिता को चैलेंज कर रहा है जिसकी वजह यह है कि उन तक या तो सही इंफॉर्मेशन नहीं पहुंच पाई है या फिर वह लोग पार्टी के सामने हिमालय की तरह खड़ी राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, दुश्वारियों के साथ-साथ बहुजन समाज में जन्मे चमचों के चलते मिशन को धोखा देने वाले संदर्भ को समझने की जरूरत है।

आंदोलन की व्यापकता, समय और जन-धन के समीकरण के चलते दिक्कतें आ रही है।

बहुजन समाज के युवाओं को मालूम होना चाहिए कि बहन जी लोकतंत्र के महानायक मान्यवर कांशी राम साहब की ऐतिहासिक धरोहर बहुजन संगठक को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर थी परन्तु सह संपादक की महत्वाकांक्षा बढ गई, वो खुद बहुजन संगठक को अपने नाम करवाना चाहते थे जबकि साहब की उत्तराधिकारी बहन जी थी।

विवादों के चलते बहुजन संगठक २००६ में ही बंद हो गया। इसके बाद बहनजी ने मायायुग शुरू किया परन्तु जिन पर जिम्मेदारी सौंपी गई वे पत्रिका को गर्त में पहुंचा दिए। घाटे की भरपाई बहनजी ने किया। मायायुग को मिटाने वाले लोग राज्यसभा जाना चाहते थे परन्तु दोनों लोगों को एक साथ राज्यसभा भेजना संभव नहीं था। फिलहाल, एक को राज्यसभा भेजा गया दूसरे को राज्य अनुसूचित जाति आयोग। परंतु इन सबको ये रास नहीं आया। अंत तक अपने पदों का सुख भोगने के बाद इन लोगों ने कहा कि बहनजी मिशन से भटक गई है, और पार्टी छोड़ दिया।

ऐसे में बदले समीकरणों के साथ बहन जी पत्रिका चलाएं या फिर राजनैतिक गतिविधियों पर ध्यान देकर सत्ता के समीकरण सिद्ध करें, यह बहन जी के सामने एक बहुत बड़ा प्रश्न था। ऐसे में बहन जी ने राजनीति पर फोकस करना ज्यादा जरूरी समझा, जोकि परम पूज्य बाबा साहब और मान्यवर कांशीराम साहब के साथ सभी बहुजन महा नायकों एवं महा नायिकाओं की प्राथमिकता थी। बहन जी ने कहा कि सब लोग लगातार धोखा देते रहते हैं ऐसे में

बहुजन समाज में जन्मे चमचों द्वारा अपने निजी स्वार्थ के चलते बहुजन समाज पार्टी मान्यवर मसीहा कांशीराम और बहन जी को लगातार धोखा देते रहने के चलते परम आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी ने अपने कार्यकर्ताओं पर पूर्ण विश्वास जताते हुए कहा कि हमारे कार्यकर्ता ही हमारी मीडिया है। अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से अपने संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रही हैं, परंतु बहुजन समाज के कुछ लोग परम आदरणीय बहन जी के इस संदेश को समझ नहीं पाए और बहन जी जिन्हें अपना मीडिया समझती हैं वह कार्यकर्ता ही बहन जी पर अपनी मीडिया ना होने का सवाल खड़ा करने लगे हैं।

बहुजन समाज के युवाओं को यह ज्ञात होना चाहिए कि बहुजन राजनीति जिसका उद्देश्य भारत में सामाजिक परिवर्तन कर समतामूलक समाज का निर्माण करना है के संदर्भ में सामाजिक राजनीतिक आर्थिक सांस्कृतिक और चमचा युग जैसी इन पांच महत्वपूर्ण समस्याओं को जहन में रखते हुए अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए

साथ ही, बहुजन समाज के युवाओं को बहुजन समाज की राजनीति के सामने खड़ी इन 5 समस्याओं को जहन में रखते हुए ही अपने मुखिया पर कोई टिप्पणी या कमेंट करना चाहिए। साथ ही इन 5 महत्वपूर्ण समस्याओं को ध्यान में रखते हुए ही अपनी पार्टी व इसके मुखिया के किसी भी निर्णय पर अपने विचार, लेख, चर्चा और भाषण आदि तैयार करना चाहिए।

रजनीकान्त इन्द्रा


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