Saturday, August 22, 2015

ट्रांसफर ऑफ़ पावर और आज़ादी का सच

सन् 1955 में बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर ने बीबीसी के साथ एक इन्टरव्यू में कहा है कि - 
‘‘ब्रिटेन ने भारत को सिर्फ इसलिए छोड़ा है क्योंकि दूसरे विश्‍व महायुद्ध (1939~~1945) के बाद में ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो चुकी थी कि उनको भारत में रहकर भारत को चलाना उनके लिए अत्यंत मुश्किल हो गया था । क्योकि दूसरे विश्‍व महायुद्ध भले ही जीत मित्र राज्यो की हुई मगर धुरी राज्यो के तरफ से ब्रिटेन को खूब नुकसान पहुँचाया गया । अंग्रेजो अपने देश में धुरी राज्यो के जरिये बड़े पैमाने पे हुई नुकसान और देश को फिर से खड़ा करने के लिए उन्होंने अपने देश पे ध्यान केंद्रित किया और दूसरे मुल्को से अपनी सेना हटाने का फैसला लिया । अंग्रेजो ने 1945 में विश्वयुद्ध खत्म होते ही दो साल के अंतराल में (1945~1947) भारत को छोड़ने की कवायत शरू कर दी थी ।
1)       1947 की आज़ादी मोहनदास जी की वजह से भारत को नहीं मिली ।
2)      200 साल तक रहने वाले अंग्रेज जिनकी हुकूमत आधे विश्व पर थी वो 1945 के बाद दो साल में ही इंडिया क्यों छोड़ देते ?"
बाबा साहब के इस वक्तव्य को अगर विश्‍लेषण करके देखा जाय तो इससे एक बात बिल्कुल स्पष्ट होता है कि इंग्लैण्ड यह कभी नहीं चाहता था कि भारत को छोड़े क्योंकि उसको भारत से इतना पैसा मिलता था और उसने भारत को जितना भी लूटा है उसी लूट से ही उन्होंनें अपने देश इग्लैण्ड को विकसित किया हुआ है ।
अंग्रेजों ने बहुत सोच समझकर एक योजना बनाया कि भारत पर सीधे नियंत्रण के बजाय रिमोट कन्ट्रोल के जरिये नियंत्रित किया जाय। इसी रणनीति के तहत अंग्रेजों ने भारत की सत्ता ब्राह्मणों व् सवर्णों को हस्तान्तरित किया ।
इसलिए 15 अगस्त 1947 से 26 जनवरी 1950 तक, हम डोमिनियन (अंग्रेजों के प्रभाव में) राज्य थे, क्योंकि ऐसा सत्ता हस्तांरण भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के तहत प्रभावी था ।

1)         यदि 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ तो भारत का प्रथम गवर्नर जनरल लार्ड माउंटबेटेन को क्यों बनाया गया ?
2)        यदि 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ तो 22 जून 1948 को भारत के दुसरे गवर्नर के रूप में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने निम्न शपथ क्यों ली -
“मै चक्रवर्ती राजगोपालाचारी यथाविधि यह शपथ लेता हूँ की मै सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उनके उत्तरा अधिकारी के प्रति कानून के मुताबिक़ विश्वास के साथ वफादारी निभाउंगा एवं मै चक्रवर्ती राजगोपालाचारी यह शपथ लेता हूँ की मैं गवर्नल जनरल के पद पर होते हुए सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी की यथावत सेवा करूंगा ।"
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 395 यह कहता है कि -
"British Govt. India Act 1935 and Indian Independence Act 1947 are here by Repealed." अर्थात ‘ब्रिटिश इण्डिया अधिनियम 1935 और’ भारतीय स्वतंत्रताअधिनियम 1947 आज से खारिज किया जाता है ।
इसलिए हम ऐसा कह सकते हैं कि 26 जनवरी 1950 को हमें सही मायने में सार्वभौमिक स्वतंत्रता मिली, जबकि 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता नहीं मिली थी वो केवल सत्ता हस्तांरण का समझौता हुआ था । 
 रजनीकान्त इन्द्रा
फेसबुक पेज, अगस्त १५, २०१० 

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