Wednesday, March 31, 2010

न्यायलय का अनोखा और न्यायपूर्ण फैसला

करनाल कोर्ट के एक बेंच ने आज ( मार्च ३०,२०१० ) अपने महत्वपूर्ण फैसले में मनोज - बबली की हत्या करने वालो को मृत्युदंड दे कर कानून के राज का प्रमाण दिया है | हत्या करने वालों में शामिल बबली के भाई सुरेश ,चाचा राजेंद्र , मामा बारू राम , चचेरे भाई सतीश और गुरदेव को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है ।  साजिस के मास्टर माइंड खाप पंचायत के मुखिया  खाप पंचायत के मुखिया गंगा राज को उम्र कैद की सज़ा तथा सातवें अभियुक्त  मनदीप सिंह को मनोज(23) और बबली(19) के अपहरण तथा हत्या की साजिश में शामिल होने के लिए सात वर्ष कैद की सज़ा सुनाई। बबली के घर वालों से गलती तो हो गयी पर इसमे गलती किसी की नहीं है बल्कि हमारे समाज के सड़े - गले नियमो का है | खाप पंचायत जैसे सड़े - गले और नीच नियमों की शुरआत मनु ने की थी | मनु तो इन सब को शुरुआत देकर चला गया लेकिन इसका खामियाजा भुगत रहे है - मनोज और बबली जैसे मासूम | आज भी हमारा देश प्राचीन काल की परम्पराओ में जी रहा है | हमारे समाज ने अपनी सोच ना बदली है और ना ही बदलना चाहती है | ऐसे में सरकार के कदम और कोर्ट के निर्णय ही ऐसे समाज को सबक दे सकते है | कोर्ट से सजा पाने वाले और मनोज - बबली , मनु के बनाये इस कुतंत्र की बलि चढ़ गए है | लेकिन हमें अब आगे से ये सोचना चाहिए कि हर किसी का एक मानवाधिकार है जो कि सिर्फ और सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ता है | मनु  बनाये नियम , नियम नहीं बल्कि गुलामी  पापों का पिंजरा है  - खाप पंचायत इसका एक अनुपम उदहारण है |


मनु के इन्ही विचारों में मानव को मानव ना समझाने को प्रावधान है जिसने हमारे समाज में छुआ - छूत जैसे कलंकित रोग को जन्म दिया | इस रोग को मिटने में सदिया बीत गयी फिर भी ये रोग आज पूरी तरह से  लगभग जिन्दा ही है | जाति को हमारे  मनगढंत बेद - पुरानों ने भी कर्मो के आधार पर बांटा है , जिसके अनुसार मानव की जाति उसके कर्मो के आधार पर बदल जाति है | उदहारण स्वरुप - यदि कोई ब्राहमण परहित के लिए हथियार उठा ले तो वह क्षत्रिय बन जाता है ( यदि  मनगढंत हिन्दू ग्रंथो को सही माने तो ),  जैसे की परसुराम जन्म से ब्राहमण होते हुए भी वह क्षत्रिय थे  | लेकिन मनु के नीच और घटिया विचारो ने हमारे समाज को अलग - धलग करके राख कर  दिया है , जिसका दुष्परिणाम मानव जाति आज भी भुगत रही है |


मनु के विचार कुछ और नहीं बल्कि स्वार्थ की पूर्ति के लिए बनाये गए थे | मनु के इन नीच विचारो से सिर्फ और सिर्फ ब्राहमणों को सबसे ज्यादा फायदा था | मनु के नियनो के अनुसार यदि ब्राहमण कुछ भी ना करे तो भी वह राजाओ जैसी जिंदगी बिता सकता है , क्योकि ब्राहमण को मनु ने भगवान् का स्थान दे डाला था | ब्राहमणों ने इसका फायदा उठाकर क्षत्रियों को क्षत्रियों से लड़ाया , वैश्यों से मनचाहा दान के रूप भीख लिया , और शूद्रों को अपने पैरों तले कुचला है | आज भी हमारे समाज में यही प्रथाए चल रही है , जिसके दुष्परिणाम समय - समय पर सामने आते रहते है |


ब्राहमणों की नीतियों का पता इस बात से लगाया जा सकता है की जब भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर ने नारी जाति के उद्धार के लिए " हिन्दू कोड बिल " लाने का प्रश्ताव किया तो उन्हें हिन्दू विरोधी घोषित कर दिया गया | जो  ये वे लोग है जिन्होंने अपने बहु - बेटियों के अधिकारों का विरोध किया है | अपनो का जो भला ने चाह सके तो वह दूसरों के बारे में कैसे सोच सकता है | जब बाबा साहेब ने देखा की हिन्दू धर्म गीता जैसे कर्म-प्रधान शास्त्र पर ना चल कर , मनु के घटिया विचारो पर चल रहा है। … तब बाबा साहेब के  हिन्दू धर्म त्यागने का प्रण और दृंढ हो गया |

  
बाबा साहेब ने सर्व जन को समान समझाने वाले , समता , करुना और दया का पाठ पढ़ने वाले,  भगवान् बुद्ध के बौद्ध धर्म को भारी जन समुदाय के साथ ग्रहण किया  |  दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है - मानवता का धर्म , जिसमे सभी को अपना कर्म , अधिकार और मंजिल चुनने की आजादी हो , लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे कारण किसी दूसरे के अधिकारों का हनन ना हो | यही हमें भगवान् बुद्ध का बौद्ध धर्म सिखाता है | यदि समाज ने मनु के विचारों को नहीं त्यागा तो मनोज  - बबली जैसी हत्याए होती रहेगी और कोर्ट को मजबूर होकर समाज के राक्षसों को समाप्ति और समज को आइना दिखने के लिए मृत्युदंड जैसे आखिरी हथियार का प्रयोग कारण पड़ेगा |


हमारे समाज की सबसे बड़ी कमी है अन्धविश्वास और मनु के विचारो का समय के साथ ना बदलना | हमारे समाज को अभी तक शादी का मतलब ही नहीं पता है | इस लिए वे शादी को सदा सेक्स के साथ जोड़ कर दल - दल में फंस जाते है | शादी सिर्फ और सिर्फ दो आत्माओ का मिलन है , ना की दो शरीर का | हम सेक्स सिर्फ और सिर्फ इस लिए करते है ताकि हमारी मानव जाति लुप्त ना हो जाए | सेक्स हमें सिर्फ और सिर्फ इस लिए एक के साथ करना चाहिए ताकि हम और हमारा साथी बीमारियों से बचे रहे | सेक्स को यदि हम एक योग की तरह देखे तो सारी बातें अपने आप साफ़ हो जायेगीं । यदि हम ऐसा सोचे और करे तो मनु कि तमाम खामिया और समाज कि बुराइया अपने आप दूर हो जाएगी | लेकिन हमारे समाज का दुर्भाग्य है । लेकिन यदि समाज उन्नति करना चाहता है , अपना और परिवार का भला चाहता है तो उसे प्रेम के आदर्शो पर चलाना ही होगा | यदि इन सब के बावजूद भी समाज निर्यण नहीं ले पता है तो सबसे आसान राश्ता है दुनिया के सर्व श्रेष्ठ भारतीय संविधान का पालन करना | यदि आप ऐसा करते है तो बहुत सी समाश्याओ से आप आसानी से बच जायेगे |


  
हरियाणा प्रान्त की इस तरह की बदती घटनाओ ने पुलिस को सेफ हॉउस बनाना पड़ रहा है जो प्रेमी युगल को सुरक्षा प्रदान करेगा | ये पुलिस द्वारा  उठाया गया एक अनोखा कदम है |
  
कोर्ट के ऐसे निर्यण और सरकार तथा पुलिस के सहयोग से समाज को एक नयी दिशा मिलेगी | फिलहाल मुझें उम्मीद है कि हमारा युवा समाज और आने वाली पीढ़ी संविधान के आदर्शों पर चलते हुए अपने समाज को एक नयी दिशा देगा | भविष्य में कोई भी मनोज और बबली अपने अधिकारों से वांछित नहीं होगें और ना ही उनकी हत्या होगी | कोर्ट के फैसले से आज मासूम मनोज और बबली को नया मिला , ये निर्णय आने वाले दिनों में समाज को एक नयी उन्नतिशील , कर्मप्रधान , सर्व सम , मानवाधिकार का सन्देश देगी |







NIT - A

मार्च ३०, २०१० 

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