दिनांक
- अक्टूबर ३१, २०१७
प्रिय
मूलनिवासी बहुजन साथियों,
जब हम
देश के बहुजन समाज के मुद्दों पर नजर डालते है तो हमें बहुत हैरानी होती है क्योंकि
आज बहुजन मुद्दे सिर्फ राजनीति तक ही सीमित रह गये हैं! जबकि राजनीति समता मूलक समाज
व संस्कृति की पुनर्स्थापना का सशक्त माध्यम मात्र है!
राजनीति
तब तक सम्यक सुरक्षा नहीं दे सकती है जब तक तुम्हारी सम्यक् सांस्कृतिक पहचान व सम्यक्
सामाजिक सुरक्षा स्थापित नहीं हो जाती है! राजनैतिक पहचान बहुत देर सुरक्षा नहीं दे सकती है,
इसीलिए अपनी सांस्कृतिक पहचान को स्थापित करने के लिए बहुजनों को आन्दोलन करना ही होगा! बहुजन
की भागीदारी तब तक तय नहीं हो पायेगी जब तक कि बहुजन की भागीदारी तय नही हो जाती है!
सत्ता पर काबिज वर्ग बहुजन भागीदारी के लिए कभी राजी नहीं होगा इसके लिए बहुजनों को
सड़क पर उतरना ही होगा!
जय भीम...
आपका अपना
रजनीकान्त इन्द्रा
फाउंडर एलीफ
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