दिनांक
- अक्टूबर १७, २०१७
प्रिय बहुजन साथियों,
ब्रहम्णवाद व बेरोजगारी
बढ़ती जा रही है, महंगाई चरम पर है, संविधान को ताख पर रखकर मनुवाद से देश चलाया जा
रहा है, कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, देश की जनता त्रस्त है! ऐसे में सत्ता परिवर्तन
तो निश्चित है! वैसे भी सत्ता परिवर्तन लोकतन्त्र मे निहित लोकतन्त्र का ही एक महत्वपूर्ण
गुण है!
हमारे विचार से, हमारे
बहुजन समाज के लिए सिर्फ ये मायने नही रखता है कि सत्ता परिवर्तन होगा, बल्कि ये ज्यादा
मायने रखता है कि परिवर्तित सत्ता पर काबिज कौन होगा - सॉपनाथ (बीजेपी), नागनाथ (कांग्रेस),
अजगर (कम्युनिस्ट) या फिर बहुजन समाज खुद!
परिवर्तित सत्ता पर काबिज
वर्ग का देश के वंचित, आदिवासी व अन्य शोषित समाज के प्रति रवैया कैसा रहेगा, ये सबसे
ज्यादा मायने व महत्व रखने वाला सवाल है! इसीलिए बहुजन समाज को सत्ता परिवर्तन करने
से पहले भावी परिवर्तित सत्ता मे अपने स्थान का विधिवत विश्लेषण कर लेना चाहिए अन्यथा
सत्ता परिवर्तन से बहुजन समाज को कोई फायदा ना होकर, उनका सिर्फ और सिर्फ शोषण ही होगा!
धन्यवाद...
जय भीम...
जय भीम...
आपका अपना
रजनीकान्त इन्द्रा
फाउंडर एलीफ
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