"हम
चारों (जस्टिस जे चेलामेश्वरम, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन
जोसेफ़) इस बात पर सहमत हैं कि इस संस्थान को बचाया नहीं गया तो इस देश में या किसी
भी देश में लोकतंत्र ज़िंदा नहीं रह पाएगा| स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका अच्छे
लोकतंत्र की निशानी है| चूंकि हमारे सभी प्रयास बेकार हो गए, यहां तक कि आज सुबह भी
हम चारों जाकर चीफ़ जस्टिस (जस्टिस दीपक मिश्रा) से मिले| उनसे आग्रह किया| लेकिन हम
अपनी बात पर उन्हें सहमत नहीं करा सके| इसके बाद हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा
कि हम देश को बताएं कि न्यायपालिका की देखभाल करें| मैं नहीं चाहता कि 20 साल बाद इस
देश का कोई बुद्धिमान व्यक्ति ये कहे कि चलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन लोकुर और कुरियन
जोसेफ़ ने अपनी आत्मा बेच दी है|"
जस्टिस
जे चेलामेश्वरम, जज सुप्रीम कोर्ट जनवरी
१२, २०१८
अपने
आवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में
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