प्रश्न - आरएसएस व बीजेपी
को ट्रिपल तलाक में ही क्यों रूचि है, सबरीमाला व दहेज उत्पीड़न पर क्यों नहीं?
उत्तर - क्योंकि ट्रिपल तलाक वोटारू गाय है!
प्रश्न - वोटारू गाय क्या
है?
उत्तर - जो मुद्दा ब्रहम्णी दलों को वोट दिलाने में मदद करे
उस मुद्दे को वोटारू गाय कहते हैं!
प्रश्न - ट्रिपल तलाक
तो मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का मुद्दा हैं तो ऐसे में ये वोटारू गाय कैसा हो सकता
है?
उत्तर - क्योंकि भारत के मल-मूत्र बुद्धि ब्रहम्णी रोगियों
को मुस्लिमों से इतनी नफ़रत है कि मुस्लिम की भावनाओं को यदि महीनतम् सुई की नोक से
बगैर खून वाली चुभन भी दे दी जाय तो मल-मूत्र बुद्धि ब्रहम्णी रोगियों को परम आनन्द
की प्राप्ति हो जाती है!
इस परम आनन्द को प्राप्त करने के लिए वो अपनी मल-मूत्र बुद्धि
का इस्तेमाल कर खुद की बहन-बेटियों की आबरू दॉव पर लगाकर ब्रहम्णी आरएसएस व ब्रहम्णी
बीजेपी जैसे दलों को सहर्ष वोट करते हैं!
प्रश्न - सबरीमाला मंदिर
में महिलाओं के प्रवेश के अधिकार का मुद्दा ब्रहम्णी आरएसएस व बीजेपी के लिए वोटारू
गाय क्यों नहीं है?
उत्तर - क्योंकि जब हिन्दुत्व का इलाज कर मानवीय बनाने का इंजेक्शन
ब्रहम्णी आरएसएस व बीजेपी के मल-मूत्र बुद्धि ब्रहम्णी रोगियों को दिया जाता है, जो
कि आदर्श ब्रहम्णी गुलाम हैं और जिन्हें अपनी गुलामी पर नाज है, जो कि इन मल-मूत्र
बुद्धि ब्रहम्णी रोगियों को खुद पसंद नहीं है! इसलिए सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के
प्रवेश के अधिकार का मुद्दा ब्रहम्णी आरएसएस व बीजेपी के लिए वोटारू गाय क्यों नहीं
है!
प्रश्न - वंदे-मातरम्
का क्या मायने है?
उत्तर - इसका मायने अलग-अलग वर्ण के लिए अलग-अलग होता है!
1) ब्रहम्ण के मन्ने-मातरम्
2) क्षत्रियों के लिए दंगे-मातरम्
3) वैश्यों के लिए धंधे-मातरम्
4) मल-मूत्र बुद्धि ब्रहम्णी रोगियों के लिए मर रे-मातरम्
जगरूक बहुजनों का वंदे-मातरम् से कोई सरोकार नहीं है, इनके
लिए जय भीम व नमों बुद्धाय ही मानवीय जीवन-शैली के लिए अथाह समन्दर है!
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