1)
प्रथम अनुसूची :- इसके अंतर्गत भारत के 29 राज्य तथा 7 केंद्र शासित प्रदेशो का उल्लेख
किया गया है|
2)
दूसरी अनुसूची :- इसमें भारतीय संघ के पदाधिकारियों को मिलने वाले वेतन, भत्ते तथा
पेंशन का उल्लेख है|
3)
तीसरी अनुसूची :- इसमें भारत के विभिन्न पदाधिकारियों की शपथ का उल्लेख है|
4)
चौथी अनुसूची :- इसके अंतर्गत राज्यों का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण मिलता
है|
5)
पाँचवी अनुसूची :- इसमें अनुसूचित क्षेत्रों तथा अनुसूचित जनजाति के प्रशासन व नियंत्रण
के बारे में उल्लेख मिलता है|
6)
छटवी अनुसूची :- इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों
के प्रशासन के बारे में उपबंध हैं|
7)
सातवी अनुसूची :- इसके अंतर्गत केंद्र व राज्यों के बीच शक्तियों का बटवारा किया गया
है| इस अनुसूची में 3 सूचियों है :-
i)
संघ सूची :- इसके अंतर्गत 98 विषय है| इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केवल केंद्र
को है|
ii)
राज्य सूची :- इस सूची में 62 विषय है| जिन पर कानून बनाने का अधिकार केवल राज्य को
है| लेकिन राष्ट्रहित से सम्बन्धित मामलो में केंद्र भी कानून बना सकता है|
iii)
समवर्ती सूची :- इसके अंतर्गत 52 विषय है| इन पर केंद्र व राज्य दोनों कानून बना सकते
है|परन्तु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून मान्य होता
है|राज्य द्वारा बनाया गया कनून केंद्र द्वारा बनाने के बाद समाप्त हो जाता है|
8)
आठवी अनुसूची :- इसमें भारतीय संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं का उल्लेख
किया गया है| मूल संविधान में 14 मान्यता प्राप्त भाषाए थी|
सन
2004 में चार नई भाषाए मैथली, संथाली, डोगरी और बोडो को इसमें शामिल किया गया|
9)
नौंवी अनुसूची :- यह अनुसूची प्रथम संविधान संसोधन अधिनियम 1951 द्वारा जोड़ी गयी थी|
इस अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती| लेकिन यदि
कोई विषय मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करे तो उच्चतम न्यायालय इस कानून की समीक्षा कर
सकता है|
अभी
तक नौंवी अनुसूची में 283 अधिनियम है, जिनमे राज्य सरकार द्वारा सम्पति अधिकरण का उल्लेख
प्रमुख है|
10)
दसवी अनुसूची :- इसे 52वें संविधान संशोधन अधिनियम 1985 द्वारा मूल संविधान में जोड़ा
गया| इस अनुसूची में दल-बदल सम्बन्धित कानूनों का उल्लेख किया गया है|
11)
ग्यारहवी अनुसूची :- यह अनुसूची 73वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा मूल संविधान
में जोड़ा गया| यह अनुसूची पंचायती राज से सम्बन्धित है, जिसमे पंचायती राज से सम्बन्धित
29 विषय है|
12)
बारहवी अनुसूची :- यह अनुसूची 74वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा मूल संविधान
में जोड़ा गया| इसमें शहरी क्षेत्रों के स्थानीय स्वशासन संस्थानों से सम्बन्धित 18
विषय है|
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