Thursday, May 13, 2010

खाप को मानवाधिकार आयोग की नसीहत

'खाप पंचायतों' या स्वयंभू जातीय परिषदों को कड़ी फटकार लगाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उन्हें परंपरा के नाम पर कानून अपने हाथ में लेने के खिलाफ चेतावनी दी | आयोग ने एक बयान में कहा है कि आयोग का यह विचार है कि किसी को भी परंपरा के नाम पर किसी के जीवन के अधिकार का उल्लंघन करने के लिए कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
 आयोग ने इन परिषदों की समान गौत्र में विवाहों को प्रतिबंधित करने के लिए हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की मांग का भी संज्ञान लिया है। आयोग ने बयान में कहा है कि हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन का मुद्दा सामाजिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक राष्ट्रीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए व्यापक बहस का विषय है ,  साथ ही यह संविधान में प्रदत्त किसी व्यक्ति के आजादी के अधिकार से भी जुड़ा है|
 आयोग ने अपना टिप्पणी तो दी मगर बहुत देर बाद | आयोग कहता है कि ये बहुत विचार - विमर्श का मुद्दा है | लेकिन भारत के पूर्व चीफ जस्टिक बालाकृष्णन ने कहा जो कहा है कि " प्यार करने वाले किसी खाप से नहीं डरते है " मेरे ख्याल से बालाकृष्णन ने मामले को ही निपटा दिया है | साथ ही साथ कानून मंत्री ने भी किसी भी संविधान  संसोधन से इनकार कर दिया है | 
 मेरे ख्याल से फैसला हो गया है कि दो प्रेमियों को जुदा करने हक़ किसी को भी नहीं है | हमें  ये हक़ हमारा संविधान और हमारा मानव अधिकार देता है , तो हमारे इस अधिकार को छीनने वाला समाज कौन होता है |
 जब दो प्रेमी साथ रहना चाहते है तो खाप और  समाज कौन होता है उन्हें जुदा करने वाला ? यदि हिन्दू धर्म का सहारा लेकर उन्हें अलग करने कि कोशिस कि गयी तो वे आत्म हत्या करने के लिए मजबूर हो जायेगें | इस हत्या का जिम्मेदार ये समाज और खाप जैसी संस्थाए होगी | उदहारण के लिए उन्नाव में एक प्रेमी युगल ने ट्रेन के सामने जान दे दी क्योकि समाज के लोगो ने उन्हें जुदा कर दिया था | 
 यदि देखा जाय तो प्रेमियों को जुदा करके ये समाज उनके जीवन में घटने वाली हर घटना के जिम्मेदार होगा |
 तथाकथित मनगढंत हिन्दू धर्मशास्त्र भी  कुछ मनगढंत प्रेम बयान करते है ।  जैसे - अर्जुन -सुभद्रा , राम - सीता , कृष्ण - रुकमणि इत्यादि | यदि ये सब सही है तो फिर खाप , एक  पापी साँप  , क्यों फन  उठा  रहा है ? यदि  कानून ऐसा कुछ होता है तो वह बहुत ही गलत होगा क्योकि प्रेमियों को जुदा करना दुनिया का सबसे बड़ा पाप है | क्यों कि दुनिया का सबसे बड़ा धर्म ही प्रेम है | हमारे समाज को अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाना होगा जिससे प्रेम सदा जीवित रहे , फूले- फले और हमारा भारत प्रेम का घर बन जाय | हर किसी के आत्मा से यही दुआ निकले कि प्रेम सदा जिन्दा रहे |
  रजनीकान्त इन्द्रा 
इन्जिनीरिंग छात्र, एन.आई.टी-ए 
(मई १३, २०१०)

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