Wednesday, October 28, 2009

जीवन भर का बलात्कार


हम आप सब को शारीरिक शोषण के बारे में बताना चाहते  है | वैसे तो शारीरिक शोषण से सब लोग परिचित है | शारीरिक शोषण के बारे में आप सब ने अच्छी तरह से सुने और देखें है | हमारा समाज भारतीय रीति-रिवाजों पर टिका हुआ है | भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वश्रेष्ठ एवं महानतम संस्कृति है , परन्तु फिर भी इसमे बहुत सारी अमानवीय , कठोर और निर्मम बुराइयाँ है | इन बुराइयों को पहचानने की सख्त जरूरत है , नहीं तो दिन-प्रतिदिन मानवता और इंसानियत की हत्या होती रहेगी | शारीरिक शोषण के कई रूप हो सकते है परन्तु उनमे से एक सबसे घिनौना रूप है बलात्कार |  आप सब जानते है की बलात्कार की प्रक्रिया में दो पक्ष होते है |  १. बलात्कार करने वाला ( प्रायः पुरुष वर्ग ) २. जिसका बलात्कार होता है ( प्रायः स्त्री वर्ग ) 

सामान्य बलात्कार से  आप सब बहुत अच्छी तरह से वाकिफ है | इस तरह के बलात्कार में बलात्कारी सिर्फ और सिर्फ केवल एक बार ही बलात्कार करता है | इसके बाद क्या होता है आप सब अच्छी तरह से जानते है जैसे की पंचायत , पोलिस , मेडिकल और कोर्ट के चक्कर | इसमे बलात्कारी को बिना जमानत के  सख्त से सख्त  सजा होती है , और कभी-कभी फांसी भी हो जाती है | ये सबसे परिचित और सामान्य बलात्कार है , परन्तु इसी बलात्कार का एक और घिनौना , कठोर और सबसे निर्मम रूप है जिसमे शारीरिक और मानसिक बलात्कार होता है , भावनावों का बलात्कार होता है | यही बलात्कार का सबसे घिनौना , कुरूप , निर्दयी और निर्मम रूप है |  

इस तरह के बलात्कार में तीन पक्ष होते है...  १. बलात्कार करने वाला ( प्रायः पुरुष वर्ग ) २. जिसका बलात्कार होता है ( प्रायः स्त्री वर्ग ) ३. बलात्कार करवाने वाले ( प्रायः माता-पिता और आप यानि कि ये समाज ) । बलात्कार के इस रूप को जानने से पहले आप को बलात्कार को जानना होगा | बलात्कार क्या होता है ? जब कोई पुरुष किसी स्त्री के साथ उसकी सहमति के बगैर जबरदस्ती शारीरिक सम्बन्ध बनाता है , तो ये बलात्कार कहलाता है | इस परिभाषा में " सहमति के बगैर " शब्द का ही सबसे ज्यादा महत्त्व है | बलात्कार कब होता है ? जब शारीरिक सम्बन्ध सहमति के बगैर बनाया जाए |  बलात्कार कब नहीं होता है ? जब स्त्री-पुरुष एक-दुसरे कि सहमति से शारीरिक सम्बन्ध बनाते है , तो यह बलात्कार नहीं होता है |  जिस बलात्कार को आप सब जानते है , उसमे प्रायः सिर्फ एक ही अपराधी होता है तथा एक निर्दोष होता है | 

लेकिन हम , आप को एक ऐसे बलात्कार के बारे में बातें जा जा रहे है । जिसमे दो अपराधी है तथा एक निर्दोष |   अपराधी कौन-कौन है ? बलात्कारी और बलात्कार करवाने वाले यानि कि माता-पिता और ये समाज |  निर्दोष कौन हैं ? जिसका बलात्कार होता है |  जहाँ हम समझते है .... आज हमारे समाज में नब्बे फीसदी से अधिक बेटियों कि शादी उनकी मर्जी के बगैर होती । घर कि इज्जत और सामाजिक मान मर्यादा के नाम पर उनकी और उनके प्रेम के अरमानो कि बली चढाई जाती है । ये किस्से पूरे भारत में बड़े ही सहज है ।  इस बलात्कार में बलात्कारी को कोई सजा ना होकर , हमारा समाज उसकी इज्जत करता है | ये कहाँ का न्याय है कि एक बलात्कारी को सजा तो दूसरे की आव भगत कि जाती है ?  यही है बलात्कार का सबसे घिनौना और सबसे निर्मम रूप जहाँ पर झूठे इज्जत के लिए माता-पिता अपने बेटी का हर पल , हर दिन यानि कि पूरी उम्र बेटी का बलात्कार करवाते है और इस बलात्कार में बेटी कि सहायता के लिए कोई भी सामने नहीं आता है | यहाँ पर बेटी पूरी तरह से असहाय रहती है | यही है बलात्कार का सबसे घिनौना और निर्मम रूप | ये सदा - सदा मानवता के खिलाफ है | अपने मन मर्जी से बेटी कि शादी करके आप सब अपना बोझ हल्का करते है | इस तरह की शादी में आप सब बेटी कि सौदेबाजी करते है | इस सौदेबाजी में , माँ-बाप द्वारा बेटी एक ऐसे कोठे पर बिठा दी जाती है जहाँ पर उसका एक ही ग्राहक है , उसका कथित पति । ये पति उसके जिंदगी कि ठेकेदारी लेता है और पूरी उम्र उसका बलात्कार करता है । 

आप ये नहीं सोचते है कि जिंदगी तो बेटी की है  , जीना बेटी को है , तो हम बेटी के अधिकारों का अतिक्रमण क्यों करे | लेकिन फिर भी आप सब करते है | यह नहीं सोचते है कि सही क्या है , गलत क्या है ? इस तरह के माता-पिता ही अपनी मान मर्यादा के नाम पर अपनी ही बेटी को एक कोठे पर बिठाकर उसका बलात्कार करवाते है | ऐसे माता-पिता और लोग , समाज के लिए कलंक है | ऐसे माता-पिता और समाज के लोग जो अपनी बेटी का खुद दिन-प्रतिदिन बलात्कार करवाते है , वह तो समाज के उन दरिंदों से भी गए गुजरे है जिनकी वे आए दिन आलोचना करते रहते है

बेटी को उसका अधिकार दो |

No comments:

Post a Comment