विश्वविद्यालयों के कुछ प्रोफेसर्स और छात्र अक्सर बहुजन समाज पार्टी और बहन जी द्वारा छात्र संघ नहीं बनाये जाने और विश्वविद्यालयों के चुनाव भाग ना लेने के चलते कोसते रहते हैं। उनका मानना हैं कि बसपा को छात्र राजनीति करनी चाहिए जबकि बसपा इससे दूरी ही बनाते हुए बहुजन युवाओं को उच्च शिक्षा की तरफ देखना चाहती हैं।
फिलहाल, बहुजन साथी अभिषेक वर्मा और विद्रोही सागर अम्बेडकर के जरिये एक अहम् जानकारी जानकारी प्राप्त हुई। जिसके मुताबिक "मेरठ से मेरे मित्र ने जब माननीया बहन जी से मुलाकात की तो मेरे मित्र ने कहा कि बहन जी हम युवाओं के लिए छात्र संघ आदि भी बसपा की तरफ से होनी चाहिए जैसे अन्य दलों की हैं। तो बहन जी ने कहा कि हमारे कितने लोगों की फैक्ट्री, कल-कारखाने हैं? मेरे मित्र ने कहा, "जी बहन जी, ना के बराबर।" तब बहन जी ने कहा कि हमारे लोगों के पास सिर्फ शिक्षा ही हथियार हैं। अगर वह भी छिन जाएं मतलब कि छात्र संघ आदि में पड़कर हमारे लोग पढ़ाई से भी दूर हों जाएं तो उनका भविष्य खराब हो जाने की सम्भावना प्रबल हैं। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति मंत्री नेता नही बन पाता है। जिन लोगों की होड़ में यह सब कह रहे हो कि उनके छात्र संघ आदि हैं, यदि उनके बच्चे ना भी पढ़े, तो भी उनके पास खूब ज़मीन, जायजाद, फैक्ट्री, कल-कारखाने हैं। वो वहाँ से अपनी जीविका और आय कर लेंगे, पर हमारे लोगों के पास शिक्षा के अलावा कुछ भी नही है। हमारे समाज के लोगों को शिक्षा से ही बेहतर जिंदगी मिल सकती हैं। इसलिए उनकों शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। औऱ रही बात राजनीति की तो पहले अपनी शिक्षा पूर्ण कीजिये, उसके साथ-साथ संवैधानिक रूप से समाज के कार्य कीजिये। क़ानून का सम्मान कीजिये। धैर्य रखिये। बहुजन युवा बसपा में होंगे।"
यदि राजनैतिक दलों की पड़ताल की जाय तो बसपा एक मात्र ऐसी राष्ट्रिय पार्टी हैं जिसमे युवाओं की ५६ फीसदी से ज्यादा भागीदारी हैं। बसपा एक मात्र ऐसी पार्टी हैं जिसमे जिला अध्यक्ष, प्रभारी, जोन इंचार्ज आदि महत्वपूर्ण पदों पर बहुजन युवाओं की आधे से अधिक सीढ़ी भागीदारी हैं। देश के अन्य दल युवाओं को मुख्यधारा राजनीति से दूर रखने मजदूर संघ, छात्र संघ, महिला विंग आदि बनाये घूम रहें हैं। दुखद हैं कि अन्य दलों के युवा मजदूर संघ, छात्र संघ, महिला विंग आदि के सदस्य बनकर गौरव का अनुबह्व कर रहे हैं जबकि आधे से अधिक पदों आदि पर बहुजन युवाओं को सीधी भागीदारी देने वाली एकमात्र पार्टी बसपा के बहुजन युवा ब्राह्मणी दलों व संगठनों के साथ साथ बहुजन समाज में जन्मे चमचों के बिछाए जाल में फंसकर रोज बसपा से नाराजगी दर्ज़ करा रहें हैं, बसपा और बहन जी पर गलत आरोप लगाकर बहुजन आन्दोलन, बहुजन राजनीति और भारत महानायिका के खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
फिलहाल छात्र संघ की राजनीति के संदर्भ में स्पष्ट हैं कि माननीया बहन जी बहुजन युवाओं व बहुजन समाज का उज्जवल भविष्य चाहती हैं। इसलिए अपने निजी स्वार्थपूर्ति के लिए बहुजन युवाओं पर मुकदमें लगवाने वाले और बहुजन युवाओं को भड़काकर जेल भेजने वाले बहुजन समाज में जन्मे चमचे को किनारे करते हुए बसपा हर मोड़ पर देश की जनता के साथ खड़ी हैं।
फिलहाल, कुछ पढ़ें लिखे व यूनिवर्सिटी विद्वान बहन जी पर मिशन से भटकने का आरोप लगाये जा रहे जबकि हकीकत यह है कि बहन जी पर आरोप लगाने वाले लोग खुद ही भटके हुए हैं। इसलिए ऐसे सभी विश्वविद्यालयी प्रोफेसरों और छात्रों संग बहुजन समाज के अन्य सभा लोगों को बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर की सलाह याद रखनी चाहिए कि - "विद्यार्थियों को खुद की अहर्ता बढ़ाने का कार्य करते समय राजनीति में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। उन्हें आत्मनिर्भरता का पथ ढूढ़ना चाहिए। अपने जीवन में हम आगे बढ़े बिना नहीं रहेंगे यह निश्चिय कर अगर तुम व्यवहारिक जगत में प्रवेश करोगो तो ही कुछ सफलता प्राप्त होगी।"
रजनीकान्त इन्द्रा
इतिहास छात्र, इग्नू-नई दिल्ली
No comments:
Post a Comment