प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 15 जून 2016 को हुई केंद्रीय कैबिनेट की
बैठक में नई सिविल एविएशन पॉलिसी को मंजूरी मिल गई.
इस पॉलिसी को मंजूरी मिलने से हवाई यात्रियों को काफी लाभ होगा और उनके
हितों की अधिक रक्षा हो सकेगी. साथ ही विमानन कंपनियों की मनमानी पर रोक लगेगी और उन्हें
कुछ सहूलियतें भी दी जाएंगी. नई पॉलिसी में विमान कंपनियों को 5/20 नियम से राहत मिलेगी.
साथ ही घरेलू उड़ानों पर अधिक जोर होगा व विदेश उड़ान के नियम अधिक आसान बनाए जाएंगे.
हवाई यात्रियों को होने वाले लाभ और सहूलियत:
नई नीति के लागू होने के बाद अब यात्रियों को टिकट कैंसिल कराने पर रिफंड
महज 15 दिनों के अंदर मिल जाएगा.
• अंतरराष्ट्रीय हवाई टिकट कैंसिल करवाने पर 30 दिन
के अंदर रिफंड मिलेगा.
• अगर कोई यात्री अपना टिकट कैंसल करवाता है तो कंपनी
कैंसिलेशन चार्ज के तौर पर यात्री से 200 रुपए से ज्यादा नहीं वसूल सकती.
• एक घंटे के हवाई सफर के लिए अब मात्र 2500 रुपए चुकाने
होंगे. जबकि 30 मिनट की यात्रा के लिए मात्र 1200 रुपये चुकाना होगा.
• इस पॉलिसी को मंजूरी मिलने से जहां हवाई यात्रियों
को फायदा होगा वहीं विमानन कंपनियों की मनमानी पर भी रोक लग सकेगी.
• अगर कोई भी एयरलाइंस कंपनी अपनी उड़ान अचानक रद्द
करती है तो यात्रियों को चार सौ फीसदी तक जुर्माना देना होगा.
• एविएशन कंपनी अगर कोई फ्लाइट रद्द करती है तो उसे
इसकी सूचना ग्राहकों को 2 महीने पहले देनी होगी और पूरा पैसा रिफंड भी करना होगा.
• विमान में यात्रा के दौरान यात्रियों को अपने साथ
अब 15 किलो तक का सामान ले जाने की छूट होगी साथ ही उसके उपर हर एक किलो पर 100 रुपए
देने होंगे. इससे पहले कंपनियां हर एक किलो पर 300 रुपये वसूलती थीं.
विमान में ओवर बुकिंग होने पर अगर यात्री को सवार नहीं होने दिया
जाता है तो उसकी मुआवजा राशी बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी गई है.
• अब विमानन कंपनियों को अंतरराष्ट्रीाय उड़ानों के
लिए 20 विमानों की जरूरत होगी लेकिन अंतरराष्ट्रीिय सेवा शुरू करने के लिए 5 साल का
इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
• नई पॉलिसी में कंपनियों को रीजन कनेक्टिविटी के मुद्दे
पर बढ़ावा मिल सकता है.
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