देश में भ्रष्टाचार ने भारतीय लोकतंत्र के तीनों अंगों को अपाहिज
कर दिया है | यदि भ्रष्टाचार से लड़ना है तो सरकार को भारतीय चुनाव आयोग की तर्ज
पर भारतीय चयन आयोग ( Selection Commission of India ) का गठन
करना होगा | भारतीय चयन आयोग , देश के संवैधानिक और संविधिक पदों के लिए उस पद के
प्रमुख का चुनाव करेगा | भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ),
भारतीय चुनाव आयुक्त , मुख्य प्रदेश चुनाव आयुक्त ( सीनियर मोस्ट इन
एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ), प्रदेश चुनाव आयुक्त , भारतीय महालेखा
परीक्षक ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ) , इंडियन चीफ ऑफ़
आर्म स्टाफ ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स - भारत में भी चीफ ऑफ़
आर्म स्टाफ की जरुरत है | भारत की तीनो सेनाओ के चीफ्स में से जो भी सीनियर
मोस्ट होगा वही इंडियन चीफ ऑफ़ आर्म स्टाफ होगा ), उप भारतीय महालेखा
परीक्षक , सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ( सीनियर मोस्ट
इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ) , न्यायाधीश ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स )
, केन्द्रीय मुख्य सतर्कता आयुक्त ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ),
सतर्कता आयुक्त , कैविनेट सचिव ,केन्द्रीय मंत्रालयों के सचिव ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ),
निदेशक आई.बी , केंद्रीय सुरक्षा बलों के निदेशक , न्यायाधीश ,प्रदेश के गवर्नर , संघ
लोक सेवा आयोग , लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स )
और सदस्य , दूरदर्शन और प्रसार भारती के निदेशक ( सीनियर मोस्ट इन एक्सिस्टिंग मेम्बर्स ), वैज्ञानिक संस्थान
के प्रमुखों , सेना के तीनो प्रमुखों का चुनाव , आदि महत्वपूर्ण
पदों के चयन की जिम्मेदारी भारतीय चयन आयोग की होगी |
भारतीय चयन आयोग की संरचना :
चेयरमैन - राज्य सभा , अध्यक्ष ( चेयरमैन , भारतीय चयन आयोग )
लोक सभा ( डिप्टी चेयरमैन , भारतीय चयन आयोग )
(1) प्रधानमंत्री
(2) नेता , विपक्ष ( लोकसभा)
(3) नेता , विपक्ष ( राज्यसभा )
(4) कैविनेट सचिव
(5) भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त
(6) अध्यक्ष , संघ लोक सेवा
आयोग
(7) भारतीय महा लेखा परीक्षक
(8) केन्द्रीय मुख्य सतर्कता आयुक्त
(9) मुख्य न्यायाधीश और दो जूनियर
मोस्ट न्यायाधीश , सुप्रीम कोर्ट
(10) न्याय और विधि मंत्री
(11) जन सेवा या शांति के क्षेत्र में भारतीय नोबल
पुरुस्कार विजेता / मैग्सेसे अवार्ड विजेता / अन्य अंतरराष्ट्रीय जन
सेवा अवार्ड विजेता
(12) जन सेवा के क्षेत्र से जुड़े
दो व्यक्ति ( चुनाव आयोग के सुझाव पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा नामित )
(13) इंडियन चीफ ऑफ़
आर्म स्टाफ
(14) वैज्ञानिक कम्युनिटी ( डी.आर.डी.ओ.
, बार्क , इसरों के चीफ्स में से जो सीनियर मोस्ट होगा वह भी भारतीय चयन आयोग का सदस्य
होगा | )
(15) चेयरमैन , भारतीय प्रेस परिषद्
(16) चेयरमैन , बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर
- प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
(17 ) चेयरमैन , बोर्ड ऑफ़
प्रसार भारती
(18) भारतीय मुख्य सूचना आयुक्त
भारतीय चयन आयोग द्वारा चयनित
व्यक्ति को महामहिम राष्ट्रपति महोदय अंतिम रूप से चयनित करके उसे पद के अनुसार शपथ
दिलायेगें |
उपर्युक्त भारतीय चयन आयोग लोकतंत्र
की भावना को समाहित किए हुए है | इस आयोग में सरकार के हर अंग के लोगों की भागीदारी
है | भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त , अध्यक्ष - संघ लोक सेवा आयोग
, भारतीय महा लेखा परीक्षक , केन्द्रीय मुख्य सतर्कता जैसे अन्य महत्वपूर्ण पदों का
चुनाव आई ए एस अधिकारीयों में से होना चाहिए | आई.ए.एस. अधिकारीयों के दागी होने का
मुख्य कारण भ्रष्ट नेता होते है | आई.ए.एस अधिकारीयों को यदि स्वतंत्रता मिलती
है तो ये देश के विकास में भारतीय मुख्य
चुनाव आयुक्त की तरह सर्वश्रेष्ठ योगदान करेगें | जरूरत है
आई.ए.एस को राजनितिक दबाव से दूर
करने की | आई.ए.एस अधिकारीयों को राजनितिक दबाव से मुक्त करने के लिए सरकार को Indian
Civil Servise Board & State Civil
Servise Board का गठन जो कि उनके स्थानांतरण और किसी पद पर नियुक्ति
का जिम्मेदार होगा | आई.ए.एस अधिकारीयों की बहुमुखी प्रतिभा देश के प्रमुख
पदों के आवश्यक है | यदि भारतीय चुनाव आयोग के आयुक्त के रूप में आई.ए.एस अधिकारी देश
में साफ-सुथरे चुनाव का कार्य करके आई.ए.एस. अधिकारीयों की विश्वसनीयता का उदहारण दिया
है | यदि ये आई.ए.एस. चुनाव आयोग को नयी पहचान देते है तो अध्यक्ष , संघ लोक
सेवा आयोग , आयुक्त भारतीय महालेखा परीक्षक , केन्द्रीय मुख्य सतर्कता , जैसे
अन्य महत्वपूर्ण पदों को भी नयी पहचान देगें लेकिन जरुरत है - इन पदों को पूर्ण
स्वतंत्रता देने की |
यदि भारतीय चयन आयोग के सदस्यों
( भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त , अध्यक्ष - संघ लोक सेवा आयोग , भारतीय महा
लेखा परीक्षक , केन्द्रीय मुख्य सतर्कता , मुख्य न्यायाधीश - सुप्रीम
कोर्ट , भारतीय मुख्य सूचना आयुक्त , चेयरमैन , बोर्ड ऑफ़ प्रसार
भारती , चेयरमैन , भारतीय प्रेस परिषद् , चेयरमैन , बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर
- प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया, जन सेवा या शांति के क्षेत्र में भारतीय नोबल
पुरुस्कार विजेता / मैग्सेसे अवार्ड विजेता / अन्य अंतरराष्ट्रीय जन
सेवा अवार्ड विजेता , जन सेवा के क्षेत्र से जुड़े दो व्यक्ति
( चुनाव आयोग के सुझाव पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा नामित , इंडियन चीफ
ऑफ़ आर्म स्टाफ , डी.आर.डी.ओ. , बार्क , इसरों के चीफ्स ) में से कोई दोषी पाया जाता
है ( लोकसभा अध्यक्ष , प्रधान मंत्री , नेता विपक्ष - राज्यसभा और
लोकसभा , चेयरमैन - राज्य सभा के जाँच में दोषी पाए जाने पर इनको या तो संसद
हटाएगी ( क्योकि ये जनता के प्रतिनिधि है ) या फिर ये नैतिक आधार पर त्यागपत्र
देगें ) तो इनके खिलाफ जाँच केन्द्रीय सतर्कता आयोग
/ केन्द्रीय जाँच ब्यूरो करेगा और अपनी रिपोर्ट को भारतीय चयन आयोग
के अध्यक्ष को सौपेगा | सदस्य के दोषी पाए जाने पर
, अध्यक्ष - भारतीय चयन आयोग की सलाह पर दोषी सदस्य खुद त्यागपत्र
दे सकता है | यदि दोषी सदस्य त्यागपत्र नहीं देता है तो इसके
बाद की करवाही संसद करेगी और महामहिम राष्ट्रपति करवाही के अनुसार उसे तुरंत पद हटा देगें
| जाँच के दौरान भारतीय चयन आयोग की रिपोर्ट अंतिम और सर्वमान्य होगी
| यदि दोषी सदस्य या फिर संसद रिपोर्ट से असहमत है तो संसद
महामहिम से प्रार्थना कर सकती है कि भारतीय चयन आयोग रिपोर्ट को रिव्यू करे |
इसके बाद राष्ट्रपति महोदय एक आदेश के द्वारा रिपोर्ट को रिव्यू करवाएगें | रिव्यू रिपोर्ट दुबारा रिव्यू नहीं होगी
| इसके बाद , दोषी सदस्य या फिर संसद चाहे सहमत हो या नहीं
, भारतीय चयन आयोग के रिपोर्ट ( जो कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग / केन्द्रीय
जाँच ब्यूरो द्वारा भारतीय चयन आयोग को सौपी गयी है )
पर दोषी पाए गए व्यक्ति को हटाने के लिए संसद ( ये
प्रक्रिया , भारतीय चयन आयोग में सदस्य जो कि संसद के सदस्य है और महामहिम
उपराष्ट्रपति के अलावा सब पर लागू होगी ) और महामहिम राष्ट्रपति बाध्य होगें |
इस पूरे मामले में सुप्रीम
कोर्ट कि कोई भागीदारी नहीं होगी , न ही भारतीय चयन आयोग के रिपोर्ट
को किसी कोर्ट का सुनाने का अधिकार होगा | क्योकि इस आयोग में मुख्य न्यायाधीश
- सुप्रीम कोर्ट , और दो जूनियर मोस्ट न्यायाधीश शामिल है तो फिर किसी कोर्ट
कि कोई जरूरत नहीं होगी | यदि चयन या जाँच में कोई डेड लाक होता है तो अध्यक्ष ,भारतीय
चयन आयोग का निर्णय अंतिम और बाध्य होगा | ये एक संवैधानिक , सरकार के हर अंग
से स्वतंत्र और लोकतंत्र की मर्यादा के अनुसार पूर्णरूपेण स्वतंत्र होगा |
अन्य प्रकार के पदों की भ्रष्टाचार
सम्बन्धी जाँच केन्द्रीय सतर्कता आयोग / केन्द्रीय जाँच ब्यूरो करेगा | केन्द्रीय सतर्कता आयोग
/ केन्द्रीय जाँच ब्यूरो की रिपोर्ट पर सम्बंधित अथॉर्टी या
सरकार भ्रष्ट पदाधिकारी को तत्काल से हटाएगी |
भारतीय चयन आयोग की सारी कारवाही
पारदर्शी होगी | भारतीय सूचना आयोग के पास कोई भी सूचना मागने का पूरा अधिकार
होगा | भारतीय चयन आयोग , हर तरह
से स्वतंत्र होगा | पारदर्शिता
को बनाये रखने के लिए यह आयोग , भारतीय सूचना आयोग के अधिकार क्षेत्र में होगा |
किसी भी पद के चयन के लिए ५/६ भारतीय
चयन आयोग के सदस्यों का सहमत होना आवश्यक होगा |